सहारनपुर जनपद के ख्याति प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार एवं गांधीवादी लेखक एवं विचारक अखिलेश मिश्र प्रभाकर आज सुबह नगर के हकीकत नगर स्थित शमशान घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गये। 99 वर्षीय अखिलेश मिश्र प्रभाकर ने बीती देर शाम अपने आवास हाथी बिल्डिंग पर अन्तिम श्वांस ली। वह जाने- माने स्वतंत्रता सेनानी एवं पत्रकार व लेखक पदमश्री कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर के पुत्र थे। कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर का निधन 89 वर्ष की आयु में 9 मई 1995 में हुआ था। पिता पुत्र दोनों की जन्म भूमि जिले का महत्वपूर्ण कस्बा देवबन्द थी लेकिन लम्बे अरसे से वे सहारनपुर में रह रहे थे। दोनों ने विकास नामक साप्ताहिक का सम्पादन किया। देशभर के ख्याति प्राप्त साहित्यकार, लेखक और पत्रकारों का कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर के यहां आना-जाना रहता था। अखिलेश मिश्र प्रभाकर ने सभी की हमेशा सेवा, श्रुसुवा की और उन पर अपने पिता के विचार एवं संस्कार का बहुत प्रभाव था। वह बेहद कुलीन और विन्रम एवं सदाश्यी थे। अखिलेश मिश्र प्रभाकर के निधन पर गहना शोक व्यक्त किया गया। आज उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास से प्रातः करीब
11.30 बजे हकीकत नगर की शमशान घाट ले जाया गया। जहां उनके ज्येष्ठ पुत्र हर्ष प्रभाकर ने मुखाग्नि दी। इस दौरान पूर्व मंत्री संजय गर्ग, विधायक राजीव गुम्बर, पूर्व विधायक सुरेन्द्र कपिल, वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र सिंघल, व्यापार संगठन के राष्ट्रीय नेता शीतल टण्डन, मेयर डा0 अजय सिंह, पंडित जयनाथ शर्मा, महेन्द्र तनेजा समेत सैकडों की संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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